13Mar

रेडियोलॉजी विभाग में गंभीर मरीजों को तत्काल उपचार देकर जीवन बचाने का सराहनीय कार्य किया गया। पल्मोनरी एम्बोलिजम (फेफड़े की नसों में क्लॉटिंग)



रेडियोलॉजी विभाग में गंभीर मरीजों को तत्काल उपचार देकर जीवन बचाने का सराहनीय कार्य किया गया। 7 मार्च को लहरतारा की रहने वाली एक युवती (19 वर्ष) को पल्मोनरी एम्बोलिजम (फेफड़े की नसों में क्लॉटिंग) के कारण साँस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। मरीज की नाजुक हालत को देखते हुये परिजन लंका स्थित हेरिटेज हॉस्पिटल के इमरजेन्सी विभाग में लेकर आये जहाँ डॉ. सौरभ राय ने मरीज को भर्ती करके उपचार प्रारम्भ किया। डॉ. सौरभ राय ने बिना किसी सर्जरी किये सिर्फ प्रोसिजर द्वारा मरीज के फेफड़े से कैथेटर (पाइप) के माध्यम से क्लॉट को गला कर साफ कर दिया । इस प्रोसिजर के 24 घंटे के अंदर ही मरीज को काफी आराम मिल गया। डॉ. सौरभ ने बताया कि पल्मोनरी इम्बोलिजम (फेफड़े के - नसों में थक्का) एक जानलेवा बीमारी है। ये खुशी की बात है कि हम इन्टरवेन्षनल रेडियोलॉजी द्वारा इसका उपचार करने वाले पूर्वांचल के प्रथम हॉस्पिटल है।